The smart Trick of hanuman chalisa That No One is Discussing

भावार्थ—आपके स्वर्ण के समान कान्तिमान् अंगपर सुन्दर वेश–भूषा, कानों में कुण्डल और घुँघराले केश सुशोभित हो रहे हैं।

Tulsidas has written this to encourage spiritual aspirants to be devotees of Lord Rama so that they are blessed and guarded by Hanuman, and they are spiritually progressing.

सियराम–सरूपु अगाध अनूप बिलोचन–मीननको जलु है।

बरनउं रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

आप सुखनिधान हैं तथा सभी सुख आपकी कृपा से सुलभ हैं। यहाँ सभी सुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख तथा परम सुख से है। परमात्म प्रभु की शरण में जाने पर सदैव के लिये दुःखों से छुटकारा मिल जाता है तथा शाश्वत शान्ति प्राप्त होती है।

लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग here सहस्र जोजन पर भानु ।

संकट ते हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥

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अर्थ - हे श्री राम के दुलारे! आप सज्जनों की रक्षा करते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं।

आपका अनुग्रह न होने पर सुगम कार्य भी दुर्गम प्रतीत होता है, परंतु सरल साधन से जीव पर श्री हनुमान जी की कृपा शीघ्र हो जाती है।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥

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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

भावार्थ – आपके परम मन्त्र (परामर्श) को विभीषण ने ग्रहण किया। इसके कारण वे लंका के राजा बन गये। इस बात को सारा संसार जानता है।

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